विष्णु स्वरुप भगवन वेदव्यसजी के हातों द्वारा समस्त वेदों का फिरसे संग्रह करने की मेहनत गुरु वेदव्यास जी ने द्वापरकाल के समय महाभारत महाकाव्य लिखने की पहल स्वयंस की।
यह पद्धति प्राचीन भारत काल से चले आ रही हैँ जिस में हिन्दू मैथोलॉजी के अनुसार छात्रों को अनुसरण करना सिखाया जाता हैँ।